जीवन की घड़ियाँ वृथा न खो ; ओ३म् जपो....Lyrics/लिखित भजन। आर्य समाज वैदिक भजन

जीवन की घड़ियाँ वृथा न खो ; ओ३म् जपो....Lyrics/लिखित भजन। आर्य समाज वैदिक भजन


जीवन की घड़ियाँ वृथा न खो ; ओ३म् जपो ओ३म् जपो । 

चादर लम्बी तान के सो ; ओ३म् जपो ओ३म् जपो । 

ओम् ही सुख का सार है , ओम् ही जीवनाधार है ; 
प्रीती न इसकी मन से तजो , ओ३म् जपो ओ३म् जपो ॥ १ ॥

 मन की गति सम्भालिए , ईश्वर की ओर डालिए ।
 धोना जो चाहे जीवन को ; ओ३म् जपो ओ३म् जपो ॥ २ ॥ 

चोला मिला है कर्म का , करने को सौदा धर्म का ; 
इसके सिवा मार्ग न कोय ओ३म् जपो ओ३म् जपो ॥ ३ ॥

 साथी बना ले ओ३म् को , मन में बिठा लो ओ३म् को 
अन्त में क्यों भाग्य को रो ; ओ३म् जपो ओ३म् जपो ॥ ४ ॥ 

दुनियाँ में आके क्या किया , कभी न प्रभु का नाम लिया । अज्ञान की तिप्रा बन्दे न सो ; ओ३म् जपो ओ३म् जपो ॥ ५ ॥

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