कर्म खोटे तो ईश्वर के.... Lyrics/लिखित भजन। पथिक भजन। आर्य समाज वैदिक भजन



करम खोटे तो ईश्वर के भजन गाने से क्या होगा । 

किया परहेज न कुछ भी दवा खाने से क्या होगा ।
 करम खोटे तो ईश्वर के . . . . . . . . ( १ ) )

 समय पर एक ही ठोकर बदल देती है जीवन को .
 जो ठोकर से भी न समझे तो समझाने से क्या होगा ।
 करम खोटे तो ईश्वर के . . . . . . . . ( २ )

समय बीता हुआ हरगिज कभी न हाथ आएगा ,
 लिया चुग खेत चिड़ियों ने तो पछताने से क्या होगा ।
करम खोटे तो ईश्वर के . . . . . . . . ( ३ )

मुसीबत तो टले मर्दानगी के ही थपेडों से ,
मुकद्दर पर भरोसा कर के सो जाने से क्या होगा ।
 करम खोटे तो ईश्वर के . . . . . . . . ( ४ )

तू खाली हाथ आया है व खाली हाथ जाएगा ,
' पथिक ' मालिक करोडों का भी कहलाने से क्या होगा ।
करम खोटे तो ईश्वर के . . . . . . . . ( ५ ) 

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