सृष्टि रचाने वाले कितना महान है तू / Srishti Rachane Wale KItna Mahan Hai Tu - आर्य समाज वैदिक भजन/Arya Samaj Vedic Bhajan

 सृष्टि रचाने वाले कितना महान है तू / Srishti Rachane Wale KItna Mahan Hai Tu



सृष्टि रचाने वाले कितना महान है तू ,
दाता दया के सागर प्राणों का प्राण है तू 

                          सृष्टि रचाने वाले.......
1. सूरज बनाया तूने, चंदा रचाया तूने 
तारों को रोशनी दी, नभ को सजाया तूने
सब कुछ बनाया तूने पर लापता है क्यों तू 
           दाता दया के सागर....सृष्टि रचाने वाले...

2. सारे जहां के वाली,  ऐ  गुलशनों के माली
     हर चीज से है जाहिर ,   हिकमत  तेरी निराली
     फूलों में तेरी लाली, पर बेनिशान  है तू 
             दाता दया के सागर......सृष्टि रचाने वाले....

3. पापी जो पाप करते, नहीं तेरा जाप करते
    अपने किए कर्म पर , न पश्चाताप  करते 
     उन पर भी मेहर तेरी, कैसा मेहरबान है तू 
             दाता दया के सागर...सृष्टि रचाने वाले,...

4. 'बेमोल' बैठ पंछी , तुझको ही भज रहे हैं 
     ऊंचे पहाड़ टीले, दुल्हन से सज रहे हैं
     नगमे से बजे  रहे हैं, मीठी सी तान है तू 

दाता दया के सागर , प्राणों का प्राण है तू
सृष्टि रचाने वाले,कितना महान है तू 
दाता दया के सागर, प्राणों का प्राण है तू 

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