जैसे कि वह दूध मिले रहे वैसे मैं भी तुमसे मिला रहूं ।।
प्रभु जी मुझे वरदान दो....
जो मिलन पतंग व डोर में, जैसे प्यार चंद्र चकोर में ।
दिल में लगन ऐसी लगे तेरे धुन में मस्त बना रहा हूं।।
प्रभु जी मुझे वरदान दो.....
ज्यों सुमन सुगंध का मेल है, जैसे तन व प्राण का खेल है।
हर काल में हर हाल में, तेरे रंग में ही रंगा हूं।।
प्रभु जी मुझे वरदान दो...
कोई कर सके मजबूर ना, पल भर रहूं कभी दूर ना।
न वियोग हो संयोग में, मनोयोग से मैं जुड़ा रहूं।।
प्रभु जी मुझे वरदान दो....
तेरी वंदना मेरा कर्म हो, तेरी साधना मेरा धर्म हो।
मेरा देवता मेरे पास हो मैं उपासना में जुटा रहा हूं ।।
प्रभु जी मुझे वरदान दो....
बस एक है मेरी चाहना , नहीं दूसरी कोई कामना।
यूं ही उम्र भर तेरे द्वार पर कर जोड़कर मैं खड़ा रहूं ।।
प्रभु जी मुझे वरदान दो .....
मेरे दिल में प्यार की प्यास है , तेरा आसरा मेरी आस है ।
तेरे ओम के प्रिय नाम को पल-पल पथिक जपता रहूं।।
प्रभु जी मुझे वरदान दो.....
प्रभु जी मुझे वरदान दो, मैं कभी ना तुमसे जुदा रहूं ।
जैसे घी व दूध मिले रहे वैसे मैं भी तुमसे मिला रहा हूं।।
प्रभु जी मुझे वरदान दो.......
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