यह दिल तुम्हारे प्यार से हरदम धनी रहे ।।
तेरी दया परमात्मा मुझ पर बनी रहे ।
यह दिल तुम्हारे प्यार से हरदम धनी रहे ।।
जीवन है चदरिया प्रभु भक्ति का रंग है ।
पूरी हो नाथ यह मेरी दिल की उमंग है ।
जीवन की चदरिया प्रभु सदा सनी रहे।।
यह दिल तुम्हारे प्यार से हरदम धनी रहे ।।
बैठा हूं तेरे दरबार में हाजिर हुजूर मैं।
एक पल भी ना रहूं तेरे चरणों से दूर मैं।
सर पर आशीर्वाद की छाया बनी रहे ।।
यह दिल तुम्हारे प्यार से हरदम धनी रहे।।
बुद्धि पवित्र होवे बुराइयों से मैं टलूँ।
छोड़ूँ असत्य को मैं सत्य मार्ग पर चलूं।
यज्ञादि कर्म में मेरी श्रद्धा बनी रहे।।
यह दिल तुम्हारे प्यार से हरदम धनी रहे।।
परदेस में रहूं या मैं रहूं स्वदेश में ।
स्थाई निवास मैं चाहूं भिक्षा के वेश में।
होठों में पथिक ओम की मधुर ध्वनि रहे ।।
यह दिल तुम्हारे प्यार से हरदम धनी रहे ।।
तेरी दया परमात्मा मुझ पर बनी रहे ।
यह दिल तुम्हारे प्यार से हरदम धनी रहे।।
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