प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो...Lyrics/लिखित भजन। दिनेश पथिक भजन । आर्य समाज वैदिक भजन


प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो...Lyrics/लिखित भजन। दिनेश पथिक भजन । आर्य समाज वैदिक भजन - दिनेश पथिक जी Lyrics


Singer दिनेश पथिक जी
Song Writer सत्यपाल पथिक जी


लिखित भजन

तर्ज़ :- न किसी की आँख का नूर हूँ न किसी के दिल...

 प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो 

प्रभु तुम गगन से विशाल 

मैं मिसाल दूँ तुम्हें कौन सी 

दुनियाँ में तुम बेमिसाल

 प्रभु तुम अणु से भी . . . . . . . . . . . 

हर दिल में तेरा धाम है , और न्याय ही तेरा काम है
 सब से बड़ा तेरा नाम है जगनाथ हो जगपाल हो
प्रभु तुम अणु से भी . . . . . . . . . . . १

तुम साधकों की हो साधना , या उपासकों की उपासना
किसी भक्त की मृदु भावना या किसी कवि का ख़याल हो ।
प्रभु तुम अणु से भी . . . . . . . . . . . २

मिले सूर्य को तेरी रौशनी , खिले चाँद में तेरी चाँदनी ।
 सब पर दया तेरी पावनी , प्रभु तुम तो दीन दयाल हो ।
प्रभु तुम अणु से भी . . . . . . . . . . . ३

तुझ पर किसी का न ज़ोर है , तेरा राज्य ही सभी ओर है ।
 तेरे हाथ सब की ही डोर है तुम्हीं ज़िन्दगी तुम्हीं काल हो ।
प्रभु तुम अणु से भी . . . . . . . . . . . ४

जो ख़तम न हो वह किताब हो , बेशुमार हो बेहिसाब हो ।
जिसका कहीं न जवाब हो उलझा हुआ वह सवाल हो ।
 प्रभु तुम अणु से भी . . . . . . . . . . . ५

कोई नर तुझे न रिझा सका , तेरा पार कोई न पा सका ।
 न ' पथिक ' वह गीत ही गा सका जिस में तेरा सुरताल हो ।
 प्रभु तुम अणु से भी . . . . . . . . . . . ६




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